Add To collaction

लेखनी कहानी -05-Apr-2024

महफिल अजीब है ना ये मंजर अजीब है

जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है ना डूबने देता है

ना उबरने देता है उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है

   10
4 Comments

Mohammed urooj khan

16-Apr-2024 03:59 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

Reply

Reyaan

11-Apr-2024 06:00 PM

Nice

Reply

Shnaya

11-Apr-2024 04:57 PM

V nice

Reply